गन्ना प्रजनन संस्थान राज भाषा कार्यान्वयन
राजभाषा
राज भाषा
भारतीय संविधान में हिंदी को भारतीय संघ की राजकीय भाषा के रुप में स्वीकार किया गया हऐ। इस संवैधानिक व्यवस्था को मूर्तरुप देने के लिए केंद्रीय सरकार ने समय-समय पर नियम बनाए और आदेश जारी किए हैं। इनके फलस्वरुप सरकारी कामकाज में हिंदी के प्रयोग को क्रमशः बढ़ाया जा रहा है। पिछले चार दशकों में सरकारी क्षेत्र में हिंदी की प्रगति पर जब हम दृष्टि डालते है तो यही देखने को मिलता है कि प्रगति का क्रम धीमा है। उन क्षेत्रों में जहाँ कार्यालयों में हिंदी भाषी या हिंदी का कार्यसाधक ज्ञान रखने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों की संख्या पर्यास है, वहां भी, इसकी प्रगति जितनी होनी चाहिए उससे कहीं कम है। संवैधानिक व्यवस्था, आवश्यक मार्ग निर्दश, समुचित नियमों के बावजूद अगर प्रगति का क्रम अपेक्षा से कम है चो इसका कारण यही लगता है कि हिंदी में काम करने की योग्यता रखने वाले कर्मचारियों में अपेक्षित जागरुकता और उत्साह की कमी है। एक और तथ्य जो हिंदी के प्रयोग को बढ़ाने में आड़े आता है. वह हे बजलाव के प्रति उदासीनता।
अंग्रेजी में काम करने की आदत को थोड़े प्रयास से बदला जा सकता है, लेकिन इसमें अभ्यास को बदलने की बात है इसलिए लोग टाल जाते है। वे यह नहीं सोचते कि इस प्रयास से वे न केवल अधिक कुशलता से अपना काम कर सकते है बल्कि अपने सहयोगियों को भी प्रोत्साहित कर सकते है और प्रशासनिक कार्य की कुशलता और गति भी बढ़ा सकते हैं।
गतिविधियां 2013
गतिविधियां 2013
- राज भाषा कार्यान्वयन समिति की 64 वीं मीटिंग की कार्यवाही, जो 3 अप्रैल, 2013 को आयोजित की गई, के लिये यहाँ दबायें
- राज भाषा कार्यान्वयन समिति की 63 वीं मीटिंग की कार्यवाही, जो 4 जनवरी, 2013 को आयोजित की गई, के लिये यहाँ दबायें
2012
गतिविधियां 2012
- हिन्दी कार्यशाला - मुख्य अथिति और प्रशिक्षक - श्री विपिन, हिन्दी अधिकारी, केनरा बैंक, परिमंडल कार्याल्य, आर.एस. पुरम, कोयम्बत्तूर: दिसम्बर 27, 2012, सुबह 10 बजे
- हिन्दी कार्यशाला - मुख्य अथिति और प्रशिक्षक - श्री कवेति रंगन, सहायक निदेशक (हिन्दी) बी.एस.एन.एल., कोयम्बत्तूर: जून 22, 2012, सुबह 10 बजे
- हिन्दी कार्यशाला - मुख्य अथिति और प्रशिक्षक - श्री राम मोहन रेड्डी, शाखा प्रबंधक, नयू इंडिया इन्श्योरैंस कम्पनी, मेट्टापाल्यम, कोयम्बत्तूर: मार्च 16, 2012, सुबह 10 बजे
- राज भाषा कार्यान्वयन समिति की 59 वीं मीटिंग, जो 3 जनवरी, 2012 को आयोजित की गई, की कार्यवाही के लिये यहाँ दबायें
पुरस्कार
पुरस्कार
- शहर की राज भाषा कार्यान्वयन समिति, ग्रह मंत्राल्य, भारत सरकार, जि़ला कोयम्बेत्तूर ने संस्थान को 2011-12 के लिये राज भाषा हिन्दी के कार्यान्वयन में सराहनीय कामकाज के लिये प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया।
- शहर की राज भाषा कार्यान्वयन समिति, ग्रह मंत्राल्य, भारत सरकार, जि़ला कोयम्बेत्तूर ने संस्थान को 2010-11 के लिये राज भाषा हिन्दी के कार्यान्वयन में सराहनीय कामकाज के लिये द्वितीय पुरस्कार प्रदान किया गया।
- पिछले पांच वर्षों में शहर की राज भाषा कार्यान्वयन समिति, ग्रह मंत्राल्य, भारत सरकार, जि़ला कोयम्बेत्तूर ने संस्थान को चार बार (2006-07 से 2009-10) राज भाषा हिन्दी के कार्यान्वयन में सराहनीय कामकाज के लिये प्रशंसा पत्रों से पुरस्कृत किया गया है।
- राज भाषा हिन्दी मे कार्यान्वयन के लिये 2004-05 और 2005-06 में दो बार राजश्री टंडन राज भाषा पुरस्कार शील्ड से महानिदेशक, आई.सी.ए.आर., नई दिल्ली द्वारा संस्थान को पुरस्कृत किया गया।