अनुवांशिक संसाधन
अनुवांशिक संसाधन
जर्मप्लास्म संग्रह
विष्व के दो गन्ने के जर्मप्लास्म संग्रहों में से एक गन्ना प्रजनन संस्थान, कोयम्बत्तूर और दूसरा मियामी, फलोरिडा, यू.एस.ए. में है। हमारा संस्थान संसार के सबसे बड़े जर्मप्लास्म संग्रह को यथावत् अनुरक्षित कर रहा है। इस के अलावा अपने आप और राष्ट्र की दूसरी एजेन्सियों के साथ मिलकर अन्वेषणों द्वारा सैक्रम और सम्बधित जैनरा की विभिन्न स्पीसिस को इकठ्ठा करना संस्थान की एक चालू गतिविधि है।
खेत में जीन बैंक - गन्ने के जर्मप्लास्म का मुख्य भाग (सैक्रम आफिश्नेरम, एस. बारबेरी, एस. साइनेंस, एस. रोबस्टम और एस. इडयूल) को एस.बी.आई. के अनुसंधान केन्द्र, कन्नूर (केरल राज्य) जबकि जंगली स्पीसिस जैसेकि एस. स्पान्टेनियम, इ. अरुंडिनेशियस और सम्बद्ध जैनरा को कोयम्बत्तूर में अनुरक्षित किया जा रहा है। अरुणांचल प्रदेश और मेघाल्य के ऊँचाई वाले इलाकों से इकठ्ठे किये गये कुछ कृन्तकों ने कोयम्बत्तूर में पुष्पण नहीं दिखाया और वहां स्थापित नहीं कर पाये अतः अरुणांचल प्रदेश से इकठ्ठे किये गये एस. स्पान्टेनियम और मेघाल्य से इकठ्ठे किये गये इ. फुल्वस और मिस्कैन्थस नेपालेंसिस को आई.ए.आर.आई. वैलिंगटन में अनुरक्षित किया जा रहा है।
बीज बैंक - एस. स्पान्टेनियम और राष्ट्रीय क्रियाषील जर्मप्लास्म की प्रजातियों के पोलीक्रास से प्राप्त असली बीजों को हर वर्श इकठ्ठा कर अंकुरण के लिये परीक्षित कर जीवनअक्षम बीजों को लम्बे समय के भण्डारण के लिये राष्ट्रीय पादप अनुवांशिक संसाधन ब्यूरो (NBPGR), नई दिल्ली के राष्ट्रीय जीन बैंक में पासपोर्ट जानकारी के साथ भेजा जाता है।
इन विटरो में संरक्षण - जर्मप्लास्म को समय समय पर संरक्षित करने के लिये इन विटरो कल्चर की सुविधा को कन्नूर अनुसंधान केन्द्र में शुरू किया गया है।
जर्मप्लास्म सम्पति
संस्थान की जर्मप्लास्म सम्पत्ति
स्थान | स्पीसिस/जैनरा | भारतीय प्रविश्टियां | आई.एस.एस.सी.टी (ISST). प्रविश्टियां |
एस.बी.आई. कोयम्बत्तूर | एस. स्पान्टेनयम (S. spontaneum) | 878 | ... |
इरिएन्थस स्पीसिस (Erianthus spp.) | 313 | .... | |
सम्बद्ध जैनरा | 41 | ... | |
एस.बी.आई. अनुसंधान केन्द्र, कन्नूर | एस. आफिषनेरम (S. officinarum) | ... | 757 |
एस. रोबस्टम (S.robustum) | ... | 145 | |
एस. बारबेरी (S. barberi) | ... | 42 | |
एस. साइनेंस (S. sinense) | ... | 30 | |
एस. स्पान्टेनियम (S.spontaneum) | 305. | 79 | |
इरिएन्थस स्पीसिस (Erianthus) spp. | ... | 132 | |
सम्बद्ध जैनरा | 88. | 20 | |
एस.बी.आई. अनुसंधान केन्द्र, अगली | एस. आफिषनेरम (S. officinarum) | 130 | ... |
आई.ए.आर.आई., वैलिंगटन | एस. स्पान्टेनियम (S.spontaneum) | 47 | ... |
इ. रुफिपिल्स (Erianthus rufipilus) | 5 | ... | |
मिस्कैंथस नेपालैंसिस (Miscanthus nepalensis) | 3 | ... |
पर्यवेक्षण/अन्वेषण
पर्यवेक्षण / अन्वेषण
जर्मप्लास्म की खोज, इस संस्थान के 1912 में स्थापना के समय से ही, इसकी गतिविधियों की प्राथमिकताओं में से एक रही है। उस समय से देश के विभिन्न भूगोलिक एवं जलवायु वाले क्षेत्रों से अनेक अन्वेषणों द्वारा सैक्रम जर्मप्लास्म को इकठ्ठा किया गया है। पिछले कुछ समय में सितम्बर 2007 में गुजरात, अगस्त-सितम्बर 2009 में हिमाचल प्रदेश और उतराखंड में अन्वेषण किये गये। इससे पहले गुजरात से हमारे पास कोई भी गन्ने का जंगली जर्मप्लास्म की प्रविष्टियां नहीं थी और उस क्षेत्र में कोई भी अन्वेषण इससे पहले नहीं किया गया था। गुजरात में एस. स्पान्टेनियम कभी कभी कहीं अधिकतर नदियों के किनारे, सूखी हुई नदियों के तल में और खेतों की मेढ़ों पर मिले परन्तु यह दक्षिणी गुजरात के कछ जि़लों में यह आमतौर पर दिखाई दिया और कहीं कहीं उत्तरी गुजरात में भी मिला। यह स्पान्टेनियम छोटे या मध्यम उँचाई के थे। एस. स्पान्टेनियम की 32 प्रविष्टियां गुजरात के विभिन्न जि़लों से इकठ्ठी की गई। एस. स्पान्टेनियम, इरिएन्थस फुल्वस और मिस्कैंथस के 28 कृन्तक हिमाचल प्रदेश के 9 जि़लों से और एस. स्पान्टेनियम और मिस्कैंथस के 25 कृन्तक उतराखंड के 10 जि़लों से इकठ्ठे किये गये। खोजे गये जर्मप्लास्म का विवरण इस तालिका में दिया गया है।
प्रलेखन
लक्षण वर्णन और प्रलेखन
अपने पास उपलब्द्ध स्पीसिस जर्मप्लास्म के मुख्य भाग को कृषि-शरीरिकी की द्दष्टि से मूल्यवान गुणों और पुष्पण के लिये मूल्यांकित कर लिया गया है, और इस सारी जानकारी को जर्मप्लास्म की पुस्तक-सूची में प्रलेखित किया गया, जिसे संस्थान द्वारा प्रकाशित किया गया है। कन्नूर में जर्मप्लास्म को कुछ विशिष्ट गुणों, जैसेकि 7वें महीने में शर्करा की मात्रा और शुद्धता के आधार पर अगेती किस्मों, और जलप्लावन प्रतिरोधिता के लिये भी मूल्यांकित किया गया है। जर्मप्लास्म पुस्तक-सूचियों और डाटाबेसों को संस्थान द्वारा प्रकाशित किया गया है और उन्हें इस तालिका में दिया गया है।
वृद्धि
अनुवांशिक संसाधनों में वृद्धि
अन्तःस्पैसिफिक संकरण और सैक्रम स्पीसिस के बीच में चुनाव कर स्पीसिस जर्मप्लास्म में उन्नति लाई जा रही है। उन्नत स्पीसिस-संकरों को अन्तर-स्पैसिफिक संकरण में प्रयोग किया जा रहा है। संकरों के सायटोप्लास्मिक आधार को बढ़ाने के लिये एस. बारबेरी, एस. साइनेंस, एस. स्पान्टेनियम और इरिएंथस अरुंडिनेशियस को मादा पैतृक के रुप में प्रयोग किया जा रहा है।
अन्तर-स्पैसिफिक और अन्तर-जैन्रिक संकरों का लगातार विकास और मूल्यांकन कर बेहतर संकरों को प्रजनन पूल में समय समय पर डाला जा रहा है। करीब 300 इस प्रकार के संकरों को उपोषणकटिबंधीय हालातों में करनाल (हरियाणा राज्य) में भी मूल्यांकित किया जा रहा है और कुछ बेहतर संकरों को वहां से लाकर उन्हें प्रजनन कार्यक्रमों में प्रयोग किया जा रहा है।
केन्द्र | समग्री | कृन्तक संख्या |
एस.बी.आई. अनुसंधान केन्द्र, कन्नूर | भारतीय संकर | 1031 |
विदेषी संकर (आई.एस.एस.सी.टी.)(ISSCT) | 614 | |
इन्डो-अमेरिकन (IA) कृन्तक | 130 | |
एस.बी.आई. अनुसंधान केन्द्र, अगली | एस. स्पान्टेनियम (S. spontaneum) के उन्नत कृन्तक | 97 |
एस. बारबेरी (S.barberi) के उन्नत कृन्तक | 21 | |
अन्तर-जीतीय संकर | 94 | |
एन.डी.एच.एफ. (NDHF) संकर कृन्तक | 141 |
पंजीेकरण
जर्मप्लास्म पंजीकरण
भारतीय कृषि अनुसंधान समिति की जर्मप्लास्म पंजीकरण समिति ने संस्थान द्वारा विकसित गन्ने के 17 संकरों को जर्मप्लास्म के रुप में पंजीकरण के लिये अनुमोदित किया गया है जिसका विविरण नीचे तालिका में दिया गया है:-
कृन्तक नम्बर. |
पंजीकरण नम्बर |
किस गुण के लिये पंजीकरण किया गया |
एस.एस.एच. 1 (S.SH.1) | ..... | सैक्रम x सोरघम संकर |
सी.वाई.एम. 04-420 (CYM 04-420) | आई.एन.जी.आर. नम्बर 08039; आई.सी. 556971 (INGR NO. 08039; IC 556971) | इ. अरुंडिनेशियस (मादा) x एस. स्पान्टेनियम संकर इरिएंथस साइटोप्लास्म के साथ |
को. 92002 (Co 92002) | आई.एन.जी.आर. नम्बर 08040; आई.सी. 556972 (INGR NO. 08040; IC 556972) | 1) जंगली एस. रोबस्टम के व्यवसायिक गुणों वाला एक दुलर्भ पुनर्संयोजक; 2) उच्च गन्ना व षर्करा उत्पादन के साथ सूखा सहन क्षमता और कंडूआ रोग प्रतिरोधिता के गुणों वाला 3) ऊँचे गन्ने |
को. 93009 (Co 93009) | आई.एन.जी.आर. नम्बर 08041; आई.सी. 522951 (INGR NO. 08041, IC 522951) | 1) व्यवसायिक स्तर का उच्च गन्ना उत्पादन एवं लाल सड़न रोग प्रतिरोधिता वाला कृन्तक 2) भारी गन्ने और उच्च एक गन्ने का भार |
को. 99006 (Co 99006) | आई.एन.जी.आर. नम्बर 08042; आई.सी. 556976 (INGR No. 08042, IC No. 556976) | 1) उच्च शर्करा वाला 2) जलप्लावन सहनशील |
एस.सी.जी.एस. 00-0402 (SCGS 00-0402) | आई.एन.जी.आर. नम्बर 09053; आई.सी. 565019 (INGR No. 09053, IC No. 565019) | प्रजनन से पहले का पहचाना गया स्टाक जिसमें जल्द उच्च शर्करा के गुण के साथ साथ उच्च सी.सी.एस.% और रस की शुद्धता के गुण विद्यामान थे |
को. 97016 (Co 97016) | आई.एन.जी.आर. नम्बर 09052; आई.सी. 56501 (INGR No. 09052,IC 56501) | 1) जंगली एस. रोबस्टम की पैतृक्ता वाला एक दुलर्भ पुनर्संयोजक; 2) उच्च गन्ना व शर्करा उत्पादन क्षमता वाला 3) उपोषणकटिबंधीय हालातों में जलप्लावन, सूखा और लवणता सहने की क्षमता है |
को. 91002 (Co 91002) | आई.एन.जी.आर. नम्बर 09131 (INGR No. 09131) | 1) एक अनोखा जैनेटिक स्टाक जिसमें 300 दिनों पर जल्द शर्करा संग्रहण की क्षमता के साथ 2) सूखा सहनशीलता एवं कंडूआ रोग प्रतिरोधिता के गुण षामिल हैं |
को. 0120 (Co 0120) | आई.एन.जी.आर. नम्बर 09130 (INGR No. 09130) | 1) उच्च रस गुणवत्ता और 2) 240 दिनों पर रस में जल्द शर्करा संग्रहण और परिपक्वता का गुण |
एस.बी.आई.ई.सी.- 11001 (SBIEC 11001) | आई.एन.जी.आर. नम्बर 12016 (INGR12016), आई.सी. 0594462 (IC 0594462) |
यह उच्च जीव भार उत्पादन करने वाला संकर गन्ना है। इससे 279 टन/है0 ताजा जीव भार व 101.23 टन/है0 का सूखा भार उत्पादन करने की आशा की जाती है। |
एस.बी.आई.ई.सी.-11002 (SBIEC 11002) | आई.एन.जी.आर. नम्बर 12017 (INGR12017), आई.सी. 0594463 (IC 0594463) |
एक दोहरे प्रयोजन वाला ऊर्जा गन्ना जिसमें उच्च रेशे की 22.58% मात्रा के साथ साथ 15.92 की उच्च ब्रिक्स भी है। इसमें 247.5 टन/है0 का ताजा कटाई योग्य जीव भार व 82.2 टन/है0 का सूखा भार उत्पादन करने की क्षमता है। |
को. 0230 (Co 0230) | आई.एन.जी.आर. नम्बर 12018 (INGR12018), आई.सी. 0594465 (IC 0594465) |
उत्तरी मध्य भारत के लिये यह एक जल प्लावन प्रतिरोधि प्रजाति है जो बी.ओ. 99 से 50% से अधिक उत्पादन देने की क्षमता रखती है। इसमें अच्छी पेडि़यां देने की क्षमता भी है। |
सी.वाई.एम. 08-903 (CYM 08-903) | आई.एन.जी.आर. नम्बर 13019 (INGR13019), आई.सी. 0594482 (IC0594482) |
एक संकर गन्ना जिसमें इरिएन्थस अरुंडिनेशियस का कोशिका द्रव्य है। इसे (इरिएन्थस अरुंडिनेशियस x सैक्रम स्पानटेनियम) x संकर गन्ना के बीच क्रसिस द्वारा विकसित किया गया है। गन्ने की प्रजातियों के साथ क्रासिंग कर लाल सड़न रोग प्रतिरोधि किस्मों के विकास के लिये यह एक उत्तम पैतृक है। |
एस.बी.आई.ई.सी.-11004 (SBIEC11004) | आई.एन.जी.आर. नम्बर 13050 (INGR13050), आई.सी. 0594464 (IC0594464) |
एक ऊर्जा गन्ना जिसमें उच्च रेशे की मात्रा के साथ साथ जिसमें उच्च जीव भार उत्पादन करने की क्षमता है। |
एस.ई.एस. 159 (SES 159) | आई.एन.जी.आर. नम्बर 13070 (INGR13070) आई.सी. 0561900 (IC0561900) |
इरिएन्थस अरुंडिनेशियस जिसमें उच्च जीव भार, उच्च गन्ना उत्पादन, उच्च एन.एम.सी. और सी.ओ.डी. की क्षमता है व इसमें इन विटरो में उत्तरदायित्व की क्षमता भी है। |
एस.बी.आई.-1148-11-13-2-255 (SBI-1148-11-13-2-255) | आई.एन.जी.आर. नम्बर 13071 (INGR13071) | यह को. 1148 के सैल्फों की चोथी पीढ़ी है जिसमें उच्च शर्करा व लाल सड़न रोग प्रतिरोधिता देखी गई और इसमें संततियों का प्रदर्शन भी एक जैसा देखा गया। |
एस.बी.आई.2007-291 (SBI 2007-291) | आई.एन.जी.आर.14011 (INGR14011) | एक कृन्तक जिसमें जल्द उच्च शर्करा (8वें महीने में सक्रोस 18% से अधिक और 10वें महीने में 22% से अधिक) के साथ लाल सड़न रोग प्रतिरोधिता के गुण होने के कारण जिसे एक कम अवधि की फसल प्रजाति के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। उच्च गन्ना जनसंख्या और अच्छी पेड़ी क्षमता के कारण इसे रोपण के 240 और 300 दिनों पर काटा जा सकता है। |
राष्ट्रीय क्रियात्मक जर्मप्लास्म
राष्ट्रीय क्रियात्मक जर्मप्लास्म
The available NAG collections is listed in this table