को. 98014 (करण - 1)
प्रजाति के गुण
को. 8316 x को. 8213 के क्रास की संतति से को. 98014 को चुना गया है। इस कृन्तक को गन्ना प्रजनन संस्थान, क्षेत्रीय केन्द्र, करनाल में उगाई गई नर्सरी की पौध से प्राप्त पेड़ी से पहचाना गया और इसे पूर्व क्षेत्रीय प्रजाति परीक्षण में के.90-044 के रूप में परीक्षित किया गया। इसे एक अगेती कृन्तक के रूप में पहचाना गया क्योंकि इसके रस में को.जे. 64 से बेहतर पोल% नवम्बर, जनवरी व मार्च के महीनों में देखी गई। इसके साथ ही इसकी गन्ना व चीनी उत्पादन क्षमता भी को.जे. 64 से बेहतर थी।
मुख्य लक्षण
को. 98014 के गन्ने मध्यम पतले जिनका रंग हरी झलक वाला बैंगनी, पोरियां शंकुभ की तरंह व जिसके एक तरफ लम्बे बल्लम की नोक के आकार के आउरिकल थे। इसके पत्तों की शीथ बिना कांटों के है। गर्मी के महीनों में इसके पत्तों का जलना आम बात है। गन्ने बिना फटाव व उनमें पिथ का बनना भी नहीं पाया जाता। इसमें रेशे की मात्रा 14% है। इसका गुड़ भूरे रंग वाला बी. ग्रेड का है। यह कृन्तक क्षेत्र में लाल सड़न रोगजनकों की पाये जाने वाली रेसों के विरुद्ध इनाक्यूलेशन की प्लग विधि से मध्यम प्रतिरोधिता दिखाता है जबकि नोडल विधि से इसे प्रतिरोधि पाया गया है।
उत्तर पश्चिमी क्षेत्र में को. 98014 का प्रदर्शन
इस कृन्तक को अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना के अन्तरगत उत्तर पश्चिमी क्षेत्र के लिये मूल्यांकित किया गया। क्षेत्र में विभिन्न अनुसंधान केन्द्रों पर उत्पादित दो पौधा फसलों व एक पेड़ी फसल की औसत के आधार पर पूरे क्षेत्र में यह कृन्तक 100.7 टन/है0 गन्ना उत्पादन और 13.4 टन/है0 के चीनी उत्पादन के साथ प्रथम स्थान पर रहा; इसमें शर्करा 17.9% पाई गई। मुख्य मानक प्रजाति को.जे. 64 के मुकाबले इस प्रजाति ने गन्ना उत्पादन में 21.66% और चीनी उत्पादन में 17.22% उन्नति दिखाई बावजूद इसके की इसके रस में 3.24% कम शर्करा पाई गई।
सिफारिश
कृषि फसलों की प्रजातियों के फसल मानकों, अधिसूचना व लोकार्पण के लिये गठित केन्द्रीय उप-समिति द्वारा को. 98014 को करण 1 के नाम से 2006 में लोकार्पित किया गया। पंजाब राज्य में इसे खेती के लिये 2003 में लोकार्पित किया गया। यह प्रजाति पूर्ण सिंचित, सिंचाई की कमी व जलप्लावन वाले क्षेत्रों के लिये उच्च गुणवत्ता वाली अगेती प्रजाति साबित होगी। यह को.जे. 64 का उप्युक्त स्थानापन्न प्रतिनिधि है।