प्रजनक बीज उत्पादन
संस्थान में प्रचलित और हाल ही में लोकार्पित की गई को. प्रजातियों का प्रजनक बीज कोयम्बत्तूर और करनाल में उत्पादित किया जा रहा है। कोयम्बत्तूर में 2013-14 के दौरान 111 टन गन्ना बीज का उत्पादन किया गया और को. 99004, को. 86032, को. 2001-13, को. 2001-15 और को. 0403 उष्णकटिबंधीय प्रजातियों के 950 कुन्तल गन्ना बीज को आन्ध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और तमिल नाडू के किसानों और चीनी मिलों को वितरित किया गया। करीब 16 टन गन्ना बीज अगली पंक्ति के प्रदर्शनों, प्रौद्योगिकी पार्क और बड चिप पौध उत्पादन के लिये दिया गया। उपोष्णकटिबंधीय गन्ना प्रजातियों, नामशः को. 98014, को. 0118, को. 0124, को. 0237, को. 0238, को. 05009 और को. 05011 के कुल 331 टन प्रजनन बीज का उत्पादन किया गया जिसमें से 300.89 टन बीज को उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के किसानों व चीनी मिलों को वितरित किया गया।
उष्णकटिबंधीय गन्ना प्रजातियांे नामशः को. 06027, को. 06030, को. 0403, को. 99006, को. 86032, को. 2001-13 और को. 2001-15 को अक्तूबर 2013 में 2 एकड़ क्षेत्र में रोपित किया गया। नई सूचित की गई को. 06027 को प्रायःद्विपीय क्षेत्र और को. 06030 को पूर्व तटवर्ती क्षेत्र के लिये बीज कड़ी में दाखिल किया गया। .
को. 99006 और को. 86032 प्रजातियों के बड चिप्स को प्रयोग कर पौध तश्तरियों में पौध नर्सरियों को उगाया गया और करीब 19,000 रोपण योग्य पौधों को वितरित किया गया।.
एस.बी.आई. रिसर्च केन्द्र अगली में जनजातियों के लिये उप परियोजना के अंतर्गत भा.कृ.अनु.प. की बीज परियोजना में सादीवायल क्षेत्र, सिरुवनी, जि़ला ,तमिल नाडू के जनजातीय किसानों व उनके परिवारों के लिये ‘जनजातीय किसानों के लिये बीज उत्पादन तकनीकी’ के बारे में एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में गन्ना प्रजनन संस्थान से विज्ञानिकों, फलउत्पादन विभाग से अधिकारियों और ’पुदु वाज़वु थीत्तम’ (राज्य सरकार नव जीवन कार्यक्रम) के नेताओं द्वारा भाषण, आधुनिक उपकरण, खेतों के दर्शन जिसके बाद किसानों को मौसमी फसलों के बीज, खेती उपकरण और कार्बनिक खाद वितरित किये गये। एक सौ से अधिक किसानों गौर उनके परिवारों के सदस्यों ने इसमें भाग लिया।
विषाणु रहित टिश्यु कल्चर द्वारा उत्पादित पौधे/पौध
मैरिस्टैम कल्चर द्वारा को. 86032, को. 0403, को.वी. 95101, को.ए. 04-082, को. 729 और को. 6907 प्रजातियों के 33,000 से अधिक विषाणु रहित टिश्यु कल्चर पौधे आन्ध्र प्रदेश, गुजरात और तमिल नाडू के गन्ना कारखानों एवं प्रगतिशील किसानों को वितरित किया गया। इसके अलावा को. 86032 की 50 विषाणु रहित इन विटरो में बहुगुणित कर मदर कल्चर वाली पतले मुंह की बोतलों को भी वितरित किया गया।
सात गन्ना प्रजातियों नामशः को. 98014, को. 0118, को. 0124, को. 0237, को. 0238, को. 05009 और को. 05011 को 10 एकड़ में रोपित कर प्रजनक बीज उत्पन्न किया गया। इससे कुल 331 टन बीज उत्पन्न हुआ जिसमें से 176.37 टन बीज किसानों और गन्ना मिलों पतझड़ ऋतु में रोपित करने के लिये बेचा गया और 124.52 टन बीज वसंत ऋतु में रोपित करने के लिये बेचा गया।